Punjab News: कांग्रेस नेता के बेटे की तेजधार हथियारों से हत्या, भाजपा ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
Punjab News: पंजाब के मोगा जिले में एक दिल दहलाने वाली घटना में, कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष मंजीत सिंह के 35 वर्षीय बेटे, तरनजीत सिंह नन्नी की हत्या उनके ही साथियों द्वारा तेजधार हथियारों से कर दी गई। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी और राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। यह घटना बुधवार शाम को गांव बडीनपुर में हुई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
घटना की पृष्ठभूमि
मंजीत सिंह ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा तरनजीत सिंह बुधवार शाम करीब 5:30 बजे अपनी स्विफ्ट कार में गांव बडीनपुर अपने दोस्त टिंकू से मिलने गया था। एक घंटे बाद, शाम 6:30 बजे के करीब, एक राहगीर ने मंजीत सिंह को फोन कर बताया कि उनका बेटा सड़क किनारे गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़ा हुआ है। इस खबर से मंजीत सिंह के परिवार में कोहराम मच गया, और वह तुरंत घटना स्थल पर पहुंचे।
सड़क किनारे मिला लहूलुहान बेटा
जब मंजीत सिंह मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने अपने बेटे तरनजीत को खून से लथपथ सड़क किनारे पड़ा पाया। तरनजीत उस समय होश में था और उसने मरने से पहले अपने हमलावरों के नाम भी बताए। उसने बताया कि उसके पूर्व सहयोगी धीरज बत्ता उर्फ धीरू, प्रिंस बुल्लड़, तितली, गग्गी और संदीप बॉक्सर ने उसे घेरकर हमला किया। हमलावर एक काले रंग की स्कॉर्पियो कार में आए थे और उन पर तेजधार हथियारों से वार किया। हमले के बाद सभी पांच आरोपी मौके से फरार हो गए।
पिता की बयान पर हत्या का मामला दर्ज
मंजीत सिंह ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि वह तुरंत अपने बेटे को पास के एक निजी अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने तरनजीत को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मंजीत सिंह के बयान के आधार पर पांच लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी अरशदीप शर्मा ने कहा कि आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
भाजपा ने उठाए कानून व्यवस्था पर सवाल
तरनजीत सिंह के अंतिम संस्कार के समय, कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा मोगा के सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य संगठनों के लोग भी उपस्थित थे। भाजपा नेता गेजा राम वाल्मीकि भी अंतिम संस्कार में पहुंचे और राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार में अपराधियों का मनोबल बहुत बढ़ गया है, जिसके चलते इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह कानून व्यवस्था को बनाए रखने में नाकाम साबित हो रही है।
हत्याकांड से जुड़े कई सवाल
इस हत्याकांड ने पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। यह सवाल उठ रहा है कि जब तरनजीत को हमलावरों ने सार्वजनिक स्थान पर घेरकर हमला किया, तो स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने समय पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? पुलिस को इस घटना की जानकारी मिलने के बाद भी हमलावर फरार होने में कैसे सफल रहे? इन सवालों ने राज्य सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तरनजीत के सहयोगियों का विश्वासघात
इस घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि तरनजीत की हत्या उसके ही पूर्व साथियों द्वारा की गई। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि तरनजीत और उसके हमलावर पहले साथ मिलकर काम करते थे, लेकिन किसी आपसी विवाद के कारण उनके बीच दरार आ गई थी। पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि इस विवाद की असली वजह क्या थी और क्या इस हत्या के पीछे कोई और बड़ी साजिश थी।
परिवार में शोक की लहर
तरनजीत की मौत से उसके परिवार में मातम छा गया है। मंजीत सिंह ने अपने बेटे की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि उनका बेटा एक मेहनती और ईमानदार व्यक्ति था। उन्होंने पुलिस से आग्रह किया है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सख्त सजा दी जाए। मंजीत सिंह ने कहा कि उनके बेटे को न्याय दिलाने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
पंजाब में बढ़ती अपराध की घटनाएं
यह घटना सिर्फ मोगा जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे पंजाब में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। पिछले कुछ महीनों में पंजाब के विभिन्न हिस्सों में हत्या, लूटपाट और अन्य आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। राज्य में बढ़ते अपराध और पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली ने लोगों के बीच सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।